अनुक्रमणिका
| १ | अवतरण | २७५ | |
| २ | संपादकीय- | संकेतरेखा नवभारतस्य | २७६ |
| ३ | प.पू. अप्रबुद्धांच्या कविता | २८६ | |
| ४ | भारतीय विवाहशास्त्र | ले. अप्रबुद्ध | २८७ |
| ५ | गुरुदेव, राजवाडे व दांडेकर | प्र. म. शं. वाबगावकर | २९२ |
| ६ | रा. गो. भांडारकर यांचे सदोषप्रमय | प्रा. म. रा. जोशी | ३०२ |
| ७ | ग्रंथराजाची शताब्दी | मेघश्याम कृष्णराव सावकार | ३०६ |
| ८ | ऋग्वेदादी वेदकालाच्या….. | प्राचार्य भा. वि. देशकर | ३१६ |
| ९ | योगवासिष्ठ.. जगत्स्वरूप | आचार्या श्रीमती विमल पवनीकर | ३२४ |
| १० | १८५७ च्या …. | डॉ. सौ. प्रभा श्रीनिवासुलु | ३२९ |
| ११ | समर्थ रामदास … | रवि रानडे | ३३९ |
| १२ | ॥ कमला ॥- | आ. सुधाकर देशपांडे | ३४२ |
| १३ | देवयोनी- राक्षस | आचार्या सौ. शैलजा भैद | ३४६ |
| १४ | मानवी समाजाच्या…. | दिलीप देवधर | ३४७ |
| १५ | प्रतिक्रिया | मा. गो. वैद्य | ३५० |
| १६ | पुस्तक परिचय | ||
| १७ | १) श्री. वासुदेव नमोऽस्तुते | ३५३ | |
| १८ | २) दादा महाराज साखरे यांचे चरित्र | ३५५ | |
| १९ | प्रतिक्रिया | प्राचार्य भा. वि. देशकर | ३६१ |
| २० | पत्रव्यवहार | डॉ. विठ्ठल माधव पागे | ३६२ |
| २१ | चिंतेचे उपचार कठीण | ३६४ |




