अनुक्रमणिका
| १ | लोकमान्यांना अभिप्रेत असलेले स्वराज्य | १ | |
| २ | संपादकीय – प्रज्ञालोकची वाटचाल व पुढील दिशा | २ | |
| ३ | दोन साम्यवाद | ले.प.पू.कै.अप्रबुध्द | १५ |
| ४ | जुना दासबोध | श्रीसमर्थरामदासस्वामी | २२ |
| ५ | योगवासिष्ठ…… | आचार्या श्रीमती विमल पवनीकर | २६ |
| ६ | प्रश्नोत्तरात्मक पत्रे | प्रज्ञाचक्षु महर्षि गुलाबराव महाराज | ३३ |
| ७ | यज्ञीय हिंसा | वै.पू.बाबाजीमहाराज पंडित | ३७ |
| ८ | गीता-ज्ञानेश्वरीचे…. | श्री.रमेश बावकर | ४३ |
| ९ | गीता रहस्यातील….. | वि. वा. प्रा. सौ. राजलक्ष्मी बर्वे | ५० |
| १० | श्री गुरूजी… | सौ.सुनीता राजेंद्र लुले | ५४ |
| ११ | श्री सच्चिदानंद संप्रदाय | आचार्या सौ.प्रज्ञा शरद देशपांडे | ६१ |
| १२ | शिवराज्याभिषेककर्ते | मनीषा बाठे | ६७ |
| १३ | नामा म्हणे आता | आचार्या सौ.प्रज्ञा आपटे | ७१ |
| १४ | गोपींचे दिव्यप्रेम | कै.डॉ.ग.प्र.परांजपे | ७६ |
| १५ | मधुरा भक्ति | पु.वि.त्रिवेदी | ८० |
| १६ | देवाचे अस्तित्व | प्रा.प्रमोद रा.गाडगे | ८२ |
| १७ | मराठी – श्रीरामचरितमानस | सौ.रेखा नि. पटवर्धन | ८६ |
| १८ | रेवातीरी मराठी साहित्य | वि.वा.सौ.सारिका ठोसर | ८९ |
| १९ | आलो वैष्णव कुळा | प्रा.आचार्या जयश्री प्र.शास्त्री | ९२ |
| पुस्तक परिचय | |||
| २० | ‘गीताधर्मयोगी भिडेशास्त्री’ | सौ ममता गद्रे | ९७ |




