अनुक्रमणिका
| १ | यथार्थ देशसेवा | स्वामी विवेकानंद | १४५ |
| २ | ’भाजप’ चा गांधीप्रणीत समाजवाद : काही विचार | प्रा.ज.धु.नाईकवाडे | १४६ |
| ३ | प्रणय -पातिव्रत्य – दोन्हीही नकोत ? | डॉ.गु.वा.पिंपळापूरे | १६१ |
| ४ | स्वामी विवेकानंदांच्या मते मानवी जीवनाचे सार्थक | कु.नंदिनी पंडे | १६५ |
| ५ | आंग्लशुद्रत्व ?इस्लामवर्चस्व ? छे ! हिंदुसार्वभौमत्व | आत्रेय अमळनेरकर | १६९ |
| ६ | अतिथी देवो भव | डॉ.गु.वा.पिंपळापूरे | १७४ |
| ७ | गरोदर शाळकरी मुली | डॉ.त्र्यं.गो.पंडे | |
| ८ | आमचे सांस्कृतिक कार्यक्रम | प्रा.रा.ना.घाटोळे | |
| ९ | भारतीय धारणा समिती वृत्त | – |




