अनुक्रमणिका
१ | संशोधनशास्त्र नावाखाली पाश्चात्यांचा दोगलेपणा | २९५ | |
२ | संपादकीय | को जागर्ति ? को जागर्ति ? | २९६ |
३ | दोन साम्यवाद | ले.प.पू. कै. अप्रबुध्द | ३११ |
४ | नव्या क्रांतीचा | दादूमिया | ३२१ |
५ | योगवासिष्ठ…… | आचार्या श्रीमती विमल पवनीकर | ३२५ |
६ | पू.वासूदेवानंद…. | डॉ.मुकुन्द नागेश देशपांडे | ३३१ |
७ | म.म.पंडितसम्राट | राजेन्द्र गणेश डोळके | ३३६ |
८ | गीता रहस्यातील….. | वि. वा. प्रा. सौ. राजलक्ष्मी बर्वे | ३४४ |
९ | नवसमाज … | आचार्या सौ.प्रज्ञा आपटे | ३४७ |
१० | गीता-ज्ञानेश्वरीचे…. | श्री.रमेश बावकर | ३५१ |
११ | लोकमान्य बाळ गंगाधर … | अॅड.वि.शं.गोखले | ३५८ |
१२ | श्रीसूक्त | श्री.प्रकाश काळे | ३६१ |
१३ | कीर्तनःसमाजसंपर्क…. | डॉ.जयश्री शास्त्री | ३६९ |
१४ | द्रष्टा ऋषी अल्विन टॉफलर | दिलीप देवधर | ३७२ |
१५ | योग म्हणजे काय ? | पु.वि. त्रिवेदी | ३७५ |
१६ | संत एकनाथ महाराजांची भारूडे | श्री.गो.वा.देसाई | ३७७ |
पुस्तक परिचय | |||
१) कल्याणी | डॉ विट्ठल माधव पागे | ३८० | |
२) विमलधारा | आचार्या सौ.वनमाला क्षीरसागर | ३८१ | |
१८ | प्रारब्ध हे सर्वश्रेष्ठ…. | प्रा.वि.वा.के.वा.आपटे | ३८४ |
प्रतिक्रिया | डॉ.सौ.उषा गडकरी | ३८९ | |
आत्मवारी | डॉ.धनंजय मोडक | ३९२ |