अनुक्रमणिका
| अनु क्रं | प्रज्ञालोक अंकातील प्रकरणाचे नाव | लेखकाचे नाव | पृष्ठ क्रमांक |
| १ | आमची भूमिका | संपादकीय | २-४ |
| २ | यंत्रप्रधान औद्योगिक अर्थरचना व मानवी विकास | भा.ह.मुंजे | ०५-१६ |
| ३ | काही हितगुज | ब.स.येरकुंटवार | १७-२५ |
| ४ | हेही लक्षात असावे ! लघुकथा | सौ.ताराबाई गोटे | २६-३० |
| ५ | एकच पाऊल (कविता) | कवि ‘स्वच्छंद‘ | ३१ |
| ६ | शंका समाधान | तत्वदर्शी | ३२-३५ |
| ७ | क्रांतीकारकांच्या स्मृति | श्री अप्रबुध्द | ३६-४१ |
| ८ | आजचे खरे दुखणे | प्र.रा.जोध | ४२-४४ |
| ९ | न्याय मंदिरात : (तर्कतिर्थांच्या ग्रथांचे समिक्षण) | समिक्षक | ४५-५६ |
| १० | पहिली पायरी | श्री अप्रबुध्द | ५७ |




