अनुक्रमणिका
१ | वासुदेव निवासाचा आशिर्वाद | ९९ | |
२ | संपादकीय | एकसष्टीला अधिकमास | १०० |
३ | दोन साम्यवाद | ले. प. पू. कै. अप्रबुध्द | ११४ |
४ | Supreme Court Verdict of Bail of | H.H. Jayendra Saraswati Swami Shankaracharya | १२१ |
५ | मल्लीनाथ | आचार्य म. रा. जोशी | १३१ |
६ | योगवासिष्ठ…… | आचार्या श्रीमती विमल पवनीकर | १३६ |
७ | जुना दासबोध | श्रीसमर्थरामदासस्वामी | १४२ |
८ | प्रश्नोत्तरात्मक पत्रे | प्रज्ञाचक्षु महर्षि गुलाबराव महाराज | १४७ |
९ | यज्ञीय हिंसा | वै.पू.बाबाजीमहाराज पंडित | १५१ |
१० | गीता-ज्ञानेश्वरीचे…. | श्री.रमेश बावकर | १५८ |
११ | गीता रहस्यातील….. | वि. वा. प्रा. सौ. राजलक्ष्मी बर्वे | १६२ |
१२ | संस्कृत रशियन साम्य | प्रा.अ. वि. विश्वरूपे | १६६ |
१३ | तुलसीदासांचे भावविश्व…. | सौ. रेखा नि. पटवर्धन | १६९ |
१४ | विठ्ठल आवडी प्रेमभाव | आचार्या सौ. प्रज्ञा आपटे | १७२ |
१५ | भारतीय संस्कृतीचा…. | श्री. मेघश्याम कृ.सावरकर | १७७ |
१६ | गोपींचे दिव्यप्रेम | कै. डॉ. ग. प्र.परांजपे | १८४ |
१७ | पत्रव्यवहार | श्याम द. घळसासी | १८८ |
पुस्तक परिचय | |||
१) विचारधन | सौ ममता गद्रे | १९१ | |
२) कवनसुमनमाला | श्री.सुरेश देशपांडे | १९३ | |
१८ | प्रज्ञालोक अभ्यासमंडळ व्याख्यानमाला वृत्त | सौ ममता गद्रे | १९४ |