अनुक्रमणिका
१ | महाराष्ट्र भूपाळी | ९९ | |
२ | संपादकीय | म्हणूनि करूण स्वरे रचि मयूर केकावली | १०१ |
३ | दोन साम्यवाद | ले. प. पू. कै. अप्रबुध्द | ११४ |
४ | अथ महाभारतम् | आचार्य मधुकर रामदास जोशी | १२२ |
५ | योगवासिष्ठ…… | आचार्या श्रीमती विमल पवनीकर | १३० |
६ | विज्ञानाच्या दृष्टिकोनातुन | प्रा. अद्वयानंद गळतगे | १३७ |
७ | तेहतीस कोटी देवता | प्रा.डॉ.शिरीष उर्हेकर | १४७ |
८ | परंपरा व नवता | श्रीवत्स | १५१ |
९ | गीता रहस्यातील….. | वि. वा. प्रा. सौ. राजलक्ष्मी बर्वे | १५७ |
१० | मानव संसाधनाचे | दिलीप देवधर | १६३ |
११ | सुखप्राप्ती : एक विचार | प्रा.वि.वा.नवनाथ निवृत्ती लोंढे | १६८ |
१२ | ज्ञानेश्वरीतील सूर्यसंदर्भ | आचार्या सौ. प्रज्ञा आपटे | १७३ |
१३ | म.म.डॉ.वा.वि…. | राजेन्द्र गणेश डोळके | १७८ |
१४ | शंकराचार्यकृत…. | प्रा.वि.वा.के.वा.आपटे | १८३ |
१५ | जीवनाचा तेजस्वी…. | मोरेश्वर धुंडीराज फडके | १९० |
१४ | काही समस्या…. | श्यामकांत कुलकर्णी | १९२ |
१४ | सस्नेह निमंत्रण | १९६ |