अनुक्रमणिका
| १ | ब्रह्मर्षी- अण्णासाहेब पटवर्धन | ४५७ | |
| २ | संपादकीय- सविनयम् योगेश्वरायार्पिता | ४५८ | |
| ३ | प. पू. अप्रबुद्धांच्या कविता | ४६८ | |
| ४ | धर्मशास्त्र : नित्यकर्म | प्र. कै. श्रीअप्रबुद्ध | ४६९ |
| ५ | आचार्य वराहमिहिर | आचार्य भा. वि. देशकर | ४७७ |
| ६ | मोरोपंतांचे आर्याभारत | प्रा. म. शं. वाबगांवकर | ४८१ |
| ७ | आपली मंदीरे | आचार्य म. रा. जोशी | ४९१ |
| ८ | योगवासिष्ठ…… | आचार्या विमल पवनीकर | ४९६ |
| ९ | श्रीज्ञानेश्वरीची प्रस्तुतता | रत्नाकर बापुराव मंचरकर | ५०२ |
| १० | श्रीमद्भगवद् गीतेतील ईश्वर | गौतमी मनोहर दिक्षित | ५१८ |
| ११ | कमला | आचार्य सुधाकर देशपांडे | ५२१ |
| १२ | विश्वसंस्कृत मेळावा | सौ. प्रज्ञा शरद देशपांडे | ५२५ |
| १३ | देवयोनी | आचार्या सौ. शैलजा भैद | ५२८ |
| १४ | ज्ञानग्रंथातुन | ज्ञानयोद्धा दिलीप देवधर | ५३० |
| १५ | प्रतिक्रीया | १) प्रा. म. शं. वाबगांवकर | ५३३ |
| २) डॉ. भा. वि. देशकर | ५३८ | ||
| १६ | पत्रव्यवहार – | ५३७ | |
| ग्रंथपरिचय : जगी ऐसा बाप व्हावा | ज्ञानसाधु वा. गो. चोरघडे | ५४३ | |
| १७ | दीर्घायुष्याची प्रार्थना | वैद्य जयंत देवपुजारी | ५४५ |
| १८ | मकरसंक्रांत | शके १९३२ | ५४६ |




