अनुक्रमणिका
१ | अधिकार | प.पू.अप्रबुध्द | ९९ |
२ | संपादकीय | म्हणूनि करूण स्वरे रचि मयूर केकावली | १०० |
३ | दोन साम्यवाद | ले.प.पू.कै.अप्रबुध्द | ११३ |
४ | जुना दासबोध | श्रीसमर्थरामदासस्वामी | ११९ |
५ | मधुराव्दैताचार्य | अधिवक्ता गो. का.आठवले | १२५ |
६ | प.पू.श्री.विष्णु…. | राजेन्द्र गणेश डोळके | १३५ |
७ | योगवासिष्ठ…… | आचार्या श्रीमती विमल पवनीकर | १४३ |
८ | संस्कृत-इराणी साम्य | प्रा.अ.वि.विश्वरूपे | १४९ |
९ | गीता-ज्ञानेश्वरीचे…. | श्री.रमेश बावकर | १५४ |
१० | गीता रहस्यातील….. | वि. वा. प्रा. सौ. राजलक्ष्मी बर्वे | १५९ |
११ | रत्नांची दुनिया….. | प्रा.शिरीष उर्हेकर | १६३ |
१२ | पंचदशीतील प्रत्यगात्मा | प्रा.वि.वा.के.वा.आपटे | १७१ |
१३ | कर्मसिध्दांत आणि…. | प्रा.अद्वयानंद गळतगे | १७७ |
१४ | प्रभावी संपर्कक्रियेचे…. | आचार्या जयश्री प्र.शास्त्री | १८५ |
पुस्तक परिचय : | |||
१) हीच गुरूपुजा खरी | डॉ.सौ.प्रतिभा खरे | १८८ | |
२) श्रीज्ञानेश्वरीतील…. | डॉ. नवनाथ निवृत्ती लोंढे | १९१ | |
१५ | मुख्य देव | डॉ.धनंजय मोडक | १९६ |