अनुक्रमणिका
१ | भक्ती आणि ज्ञान दोन नाहीत | १५ | |
२ | संपादकीय : भजन करा सावकाश । तुका झालासे कळस | ९६ | |
३ | प.पू. अप्रबुद्धांच्या कविता | १०९ | |
४ | ब्राह्ममण्य – रक्षावें आदरें ! | कै. प.पू. अप्रबुद्ध | ११० |
५ | श्रीसमर्थाचा राज्याभिषेकावर बहिष्कार ! | हरिहर पुनर्वसु | ११५ |
६ | संत श्रीतुकाराममहाराजांचे सदेह वैकुंठगमन | समन्वयमहर्षि संत श्री गुलाबराव महाराज | ११८ |
७ | विदग्धवाड्मयांचा नमुना : समर्थ श्रीरामदासांचा दासबोध | आचार्य के.रा.जोशी | १२६ |
८ | गुरू-शिष्य संबंध | आचार्य म.रा.जोशी | १३० |
९ | संत तुकाराम यांची गाणगापूर वरील रचना | आचार्य भीमाशंकर देशपांडे | १३५ |
१० | प्रजासत्ताक लोकशाही :श्री समर्थांचे तत्त्व चिन्तन | अॅड.यशवंत बा.फडणवीस | १३७ |
११ | समर्थ रामदासस्वामींचे आध्यात्मिक समाजशास्त्र | श्रीवत्स | १४५ |
१२ | ’मनाचे श्लोक’ मानवी मनाचं मनोज्ञ-मर्मज्ञ दर्शन | आचार्य सुधाकर देशपांडे | १५६ |
१३ | वेदांचा तो अर्थ आम्हासीस ठावा | आचार्य विमल पवनीकर | १५८ |
१४ | ग्रंथ | ज.गो.मराठे | १६५ |
१५ | संतकवि दासगणुंच्या आख्यानातील ’’रामदास’’ | श्रीराम र.अळेकर | १६७ |
१६ | श्रीसमर्थ रामदास स्वामी-सर्वागीण विकासाचे प्रेषित | प्रा.डॉ.रामचंद्र गोविंद आर्वीकर | १७१ |
१७ | हृदयभुवनी ऐक्या आले | प्रा.आचार्य अलका इंदापवार | १७५ |
१८ | विभीतक | वैद्य जयंत यशवंत देवपूजारी | १७९ |
१९ | पुस्तक परिचय | १८६ | |
२० | भारतीय धारणा समिती वृत्त | १९० |