अनुक्रमणिका
| १ | श्री लक्ष्मण -निषादराज गुह संवाद | १ | |
| २ | संपादकीय | २ | |
| ३ | प.पू. अप्रबुद्धांच्या कविता | ७ | |
| ४ | धर्मशास्त्र | कै. अप्रबुद्ध | ९ |
| ५ | बहकलेली चमत्कार-मीमांसा ! | डॉ.ब.स.येरकुंटवार | १६ |
| ६ | नागपूर नगरीतील वैदिक संमेलन | आचार्य के. रा. जोशी | २६ |
| ७ | रामायण महाभारत हायपोथेटिकल टेक्स्ट | प्रा.म.रा.जोशी | ३२ |
| ८ | ज्योतिषशास्त्र व फलज्योतिष | डॉ. भा. वि. देशकर (भाविक) | ३८ |
| ९ | शास्त्रज्ञ, तत्त्वज्ञ आणि सर्वज्ञ (लेखांक ४ था ) | श्रीवत्स | ४१ |
| १० | डार्विनचा सिध्दांत आणि श्री गुलाबराव महाराज | आचार्य सौ.अलका इंदापवार | ५१ |
| ११ | ज्ञान हि परं श्रेयः | डॉ. विमल पवनीकर | ५६ |
| १२ | स्वदेशी न्यायदान पध्दती (भाग ४) | अधिवक्ता यशवंत बा.फडणीस | ६० |
| १३ | युगाब्ध – वास्तक की काल्पनिक | र.य.साने | ६३ |
| १४ | पिंपळी | वैद्य जयंत यशवंत देवपूजारी | ६८ |
| १५ | पतंजलींचे चित चतुष्टय आणि ज्यातिष | ज्यो.श्री.री.भट | ७१ |
| १६ | ’’श्री विट्ठल स्तोत्र ’’ एक चिंतन | सौ.ममता गद्रे | ८१ |
| १७ | सगुणाचेनि आधारे । निर्गुण पाविजे निधरि | न.ना.गोखले | ८९ |
| १८ | वैकुंठवासी चंद्रशेखर अनंत आठवले : एक स्वप्न | श्रीराम रघुनाथ अळेकर | ९१ |
| १९ | प्रांगणीय संगीताचे स्वदेशी भाष्यकार : | बापूराव दात्ये | ९३ |
| २० | तिळगुळ | ९४ |




