अनुक्रमणिका
१ | संस्कृत परिषदेच्या निमित्ताने | डॉ. गु. वा. पिंपळापूरे | ६२ |
२ | महानुभाव पंथाचे ऐतिहासीक कार्य | प्रा. द. का. तारे | ६९ |
३ | प्लेटोचे रिपब्लिक व मनुस्मृतिः उत्तरार्ध (लेखांक दुसरा) | प्रा. प्र. गं. बोरावार | ७२ |
४ | उदंड राजकारण करावे! परि गुप्तरूपे !! | प्रा. सुनिल कुळकर्णी | ८५ |
५ | आरोग्य विभाग : ’अमृत कलश’ अमेरिकनाची आयुर्वेदाविषयी स्वानुभवी साक्ष | मायकल बी. गुडमन | ९१ |
६ | वाहते वारे | डॉ. गु. वा. पिंपळापूरे | ९४ |
७ | पूर्वींच्या गोष्टी आपल्या जागी राहिल्या नाहीत – गिरिलाल जैन | स्वैर अनुवाद : डॉ.त्र्यं.गो.पंडे |