अनुक्रमणिका
१ | ब्राह्मणाला दूर सारण्यातच राष्ट्रघात आहे | ले. कै. अप्रबुध्द | ६१ |
२ | पुढारी वर्गासंबंध आणखी काही | डॉ.ब.स.येरकुंटवार | ६२ |
३ | कथेचा विपर्यास | प्रा.डॉ. गु.वा.पिंपळापूरे | ७७ |
४ | उगवती क्षितिजे : वर्थ लिव्हिंग | प्रा.रवींद्र परेतकर | ८२ |
५ | भारतीय धारणा समिती वृत्त विशेष | वि.श्री.गोखले | ८८ |
६ | प्रबंध परिचय : महाराष्ट्राचे मंदिर स्थापत्य आणि शिल्प डॉ.गो.ब.देगलूरकर | डॉ.म.रा.जोशी | ९३ |
७ | शरदाचं चांदणं | सौ.शैलजा पंडे | |
८ | अप्रिय पण पथ्य | डॉ.ब.स.येरकुंटवार | |
९ | गंगालहरी : एक मधुर लघुकाव्य | डॉ. गो.श्री.बनहही | |
१० | पुस्तक – अभिप्राय | डॉ. शरदच्चंद्र भगत |