अनुक्रमणिका
| सर्वधर्म समभाव | स्वामी विवेकानंद | १ |
| समृध्दिप्रभव :संवत्सर :प्रीयताम् | ज्ञानेश्वर साधु | २ |
| संपादकीय : वायुसुता, पुनः ती उड्डाणे करा! | – | ३ |
| प्रवाळ | वाग्भट | ११ |
| आश्रित (कथा) | डॉ.ज.धु.नाईकवाडे | १८ |
| अखेरीस ही बोचच | डॉ.ब.स.येरकुंटवार | ३२ |
| पाडिण्याची चंद्ररेखा डॉ.ब.स.येरकुंटवार यांच्या ’’मी पाहिलेले अप्रबुध्द’’ या लवकरच प्रकाशित होणार्या पुस्तकावरील उपसंहार | डॉ.ब.स.येरकुंटवार | ४१ |
| मोडीली मांडली क्षेत्रे | हरिहर पुनर्वसु | ५२ |




