अनुक्रमणिका
१ | ५८ वर्षापूर्वी | १ | |
२ | संपादकीय | जागे रहा ! रात्र वैर्याची आहे | २ |
३ | जगायचे असेल तर ! | ले.कै. अप्रबुध्द | ११ |
४ | तप व अवतारविषयक… | कै. डॉ.ब.स.येरकुंटवार | २१ |
५ | रामचंद बुधेंद्र | आचार्य मधुकर रामदास जोशी | २८ |
६ | योगवासिष्ठ…… | आचार्या श्रीमती विमल पवनीकर | ३१ |
७ | कुंभमेळा आणि… | प्रा.डॉ.शिरीष उर्हेकर | ३८ |
८ | उपनिषच्छब्दनिर्वचन | सौ.श्रुतिकीर्ति विनय सप्रे | ४३ |
९ | ज्ञानेश्वरीतील…. | प्रा.अद्वयानंद गळतगे | ५१ |
१० | गीता रहस्यातील….. | वि. वा. प्रा. सौ. राजलक्ष्मी बर्वे | ६० |
११ | भाषेची शुध्दाशुध्दता | प्रा.वि.वा.नवनाथ निवृत्ती लोंढे | ६५ |
१२ | ज्ञानेश्वरीतील सूर्यसंदर्भ | आचार्या सौ. प्रज्ञा आपटे | ६९ |
१३ | म.म.डॉ.वा.वि…. | राजेन्द्र गणेश डोळके | ७४ |
१४ | शंकराचार्यकृत…. | प्रा.वि.वा.के.वा.आपटे | ८१ |
१५ | भारतीय संस्कृतीत… | श्रीधर पुरूषोत्तम शुक्ल | ८९ |
१६ | अमळनेरकर श्रीमंत | सुघोष वि. उपासनी | ९१ |
१७ | आधुनिक विज्ञान | आचार्य कृष्ण माधव घटाटे | ९७ |