अनुक्रमणिका
१ | अवतरण : ’स्मृति’ निर्मितीचे मर्म | १ | |
२ | संपादकीय | २ | |
३ | जगायचे असेल तर ! | ले.कै. अप्रबुध्द | ७ |
४ | काटयवेम विरचित… | आचार्य म.रा.जोशी | १७ |
५ | योगवासिष्ठ…… | आचार्या श्रीमती विमल पवनीकर | २६ |
६ | धर्मो रक्षति रक्षित…. | श्रीवत्स | ३३ |
७ | स्वधर्मे निधनं….. | श्रीमती शैलजा राजवाडे | ३९ |
८ | एकनाथजी रानडे…. | दिलीप देवधर | ४५ |
९ | जन्म कर्म च मे दिव्यम् | मोरेश्वर धुंडीराज फडके | ४९ |
१० | प्रपंचातील अध्यात्म | अधिवक्ता यशवंत बा. फडणीस | ५६ |
११ | गीता रहस्यातील…… | वि. वा. प्रा. सौ. राजलक्ष्मी बर्वे | ६१ |
१२ | भारताला झाले तरी काय ? | शिरिष देवपूजारी | ६५ |
१३ | ’’होय ! मीच मारलं लादेनला !” | प्रा.डॉ.शिरीष उर्हेकर | ६९ |
१४ | अयोध्येतील समर्थ शिष्य | आचार्य गणेश न. चव्हाण | ७५ |
१५ | ’कुवलयमाला’ मधील…. | प्रा.डॉ.के.वा.आपटे | ७७ |
१६ | धारणक्षम विकासासाठी … | आचार्य गोविंद नि. हडप | ८२ |
पुस्तक परिचय | |||
१७ | लेखन कुसुमांजली | अधिवक्ता यशवंत बा. फडणीस | ८७ |
१८ | आमचे आम्ही | धनंजय गोखले | ८९ |
१९ | श्री एकनाथ महाराज/सांजवात | सौ.अरूंधती आगवण | ९० |