अनुक्रमणिका
१ | लेखकाचे अंत:करण | १ | |
२ | संपादकीय : | प्रज्ञालोकचे पंचावन्नाव्या वर्षातील पदार्पण | २ |
३ | प.पू.अप्रबुध्दांच्या कविता | १२ | |
४ | उत्तरापेक्षेने विचारलेले शंकापत्र | प्रमोद रा. गाडगे | १३ |
५ | भारतीय विवाहशास्त्र | अप्रबुध्द | १४ |
६ | योगवासिष्ठ – माया | आ.श्रीमती विमल पवनीकर | २० |
७ | भ्रष्टाचाराचे भारतीय मूल्यांकन | श्रीवत्स | २६ |
८ | स्वातंत्र्य मंत्राचा उपेक्षित उद्गाता स्वातंत्र्य कवि गोविंद | मेघश्याम कृ सावकार | ३१ |
९ | विश्वगीत मंत्रपुष्पांजली | मोरेश्वर धुं. फडके | ४० |
१० | न्याय : मम धर्म : | अॅड. यशवंत बा. फडणीस | ४४ |
११ | श्री ज्ञानदेवांचे तत्वज्ञान | आचार्य रत्नाकर बापूराव मंचरकर | ४७ |
१२ | राजभाषा मराठीचे दुर्देव | अधिवक्ता शांताराम दातार | ५४ |
१३ | गीता गुरूकुल | दिलीप बा. आपटे | ५८ |
१४ | देवयोनी – भूत | आचार्य शैलजा भैद | ६५ |
१५ | ।। कमला ।। | आचार्य सुधाकर देशपांडे | ६६ |
१६ | ईस्ट इंडिया | दिलीप देवधर | ७० |
१७ | स्त्री त्रिकालाभिनन्दनीय | सौ. प्रज्ञा श. देशपांडे | ७४ |
१८ | पुस्तक परिचय | ७६ | |
१) वाचा आणि गप्प बसा | शशांक दि. चितळे | ७७ | |
२) अवघे धरु सुपंथ | शशांक दि. चितळे | ७८ | |
३) श्री शंकराचार्यामृत | डॉ विनय पवनीकर | ८० | |
४) वारकरी संत | सौ. प्रतिभा परेतकर | ||
५) ओळीचे अभंगांची सकलसंत गाथा | सौ. ममता गद्रे | ८४ | |
६) आनंद सुरु | डॉ लीना रस्तोगी | ८६ | |
७) आगळे वेगळे | आशुतोष अडोणी | ८८ |