अनुक्रमणिका
| १ | पहिले जागतिक महायुद्ध व भारताचे स्वातंत्र्य | १८५ | |
| २ | संपादकीय- | शिशिर वसंतौ पुनरायातः | १८७ |
| ३ | प. पू. अप्रबुद्धांच्या कविता | २०२ | |
| ४ | भारतीय विवाहशास्त्र | ले. अप्रबुद्ध | २०३ |
| ५ | हिंदू मंदिरे | प्रा. म. रा. जोशी | २०६ |
| ६ | मॅडम ब्लॅव्हेट्स्की आणि ज्ञानेश्वरी | प्रा. अद्वयानंद गळतगे | २१२ |
| ७ | योगवासिष्ठ …. | श्रीमती आचार्या विमल पवनीकर | २१४ |
| ८ | धर्म आणि तत्त्व विचार …. | आचार्य स. मो. आयाचित | २२० |
| ९ | ग्रंथराजाची शताब्दी | मेघश्याम कृष्णराव सावकार | २२८ |
| १० | स्मरण विनोबांच्या विचारधनाचे | पु. वि. त्रिवेदी | २४० |
| ११ | गीतेपूर्वीचा संजय | प्रा. विष्णु वामन कुळकर्णी | २४४ |
| १२ | ॥ कमला ॥ | आचार्य सुधाकर देशपांडे | २५१ |
| १३ | प्रपंच-नि-परमार्थ | अँड. यशवंत बा. फडणीस | २५४ |
| १४ | श्री सरस्वती देवी आध्यात्मिक प्रतिष्ठा | ना. गो. नामजोशी | २६० |
| १५ | पुस्तक परिचय – | ||
| १६ | “मार्ग एकच- हे जाण’ | आचार्या सौ. उषा गडकरी – | २६५ |
| १७ | प्रतिक्रिया | प्राचार्य भा. वि. देशकर | २६८ |
| १८ | पत्रव्यवहार – | २७२ | |
| १९ | चिंतेचा प्रतिषेध | वैद्य जयंत देवपुजारी | २७३ |
| २० | ॥ राम सर्वोत्तम चांगला ॥ | गो. ग. अभ्यंकर | २७४ |




