अनुक्रमणिका
| १ | संपादकीय | २ | |
| २ | अप्रबुद्धांच्या कविता | १५ | |
| ३ | धर्मशास्त्र | प. पू. अप्रबुद्ध | १७ |
| ४ | बहकलेली चमत्कारमिंमासा | कै. डॉ. ब. स. येरकुंटवार | २५ |
| ५ | प्रतिक्रिया | १. आ. वाबगांवकर | ३७ |
| २-३. प्रा. गळतगे | ३९, ४१ | ||
| ४. श्री. गाडगे | ४३ | ||
| ५. वि. वा. ग. प्र. परांजपे | ४४ | ||
| ६ | अणुरणिया थोकडा | डॉ. भा. वि. देशकर | ४६ |
| ७ | डॉ. देशकरांची प्रतिक्रिया | ४९ | |
| ८ | पश्चिमी भाषांवर… | कै. ब्र. अण्णासाहेब पटवर्धन | ५३ |
| ९ | योगवसिष्ठ | आचार्य विमल पवनीकर | ६० |
| १० | भारतीय जातिव्यवस्था | श्रीवत्स | ६४ |
| ११ | वेदांचे अपौरुषेयत्व | आचार्य कृ.मा. घटाटे | ७६ |
| १२ | आमलकी | वैद्य जयंत देवपुजारी | ७९ |
| १३ | पुस्तक परिचय | आचार्य विमल पवनीकर | ८१ |
| शंड्कर दिग्विजय | |||
| १४ | अन्त्यसंस्कार – | वेदमूर्ती कृष्णशास्त्री आर्वीकर | ८५ |




