अनुक्रमणिका
१ | श्रीज्ञानेश्वराष्टकं स्तोत्रम | १ | |
२ | अर्धशतकोत्तर पहिले पाऊल ! संपादकीय | २ | |
३ | प. पू. अप्रबुद्धांच्या कविता | ९ | |
४ | सावधान,सावधान : | अप्रबुध्द | १३ |
५ | शिवतांडव नृत्य : | उॉ.भा.वि.देशकर | १९ |
६ | श्रीगणेशांचे अदोष क्षेत्र (आदासा) | श्रीश हळदे | २१ |
७ | वेद, चातुर्वर्ण्य व ब्राम्हण | प्रा.म.शं.वाबगांवकर | २८ |
८ | उत्तम शेती ? | प्रा.गो.मा.कुळकर्णी | ३४ |
९ | शास्त्रज्ञ, तत्त्वज्ञ आणि सर्वज्ञ | श्रीवत्स | ३७ |
१० | स्वदेशी न्यायदान पध्दती | अधिवक्त यशवंत बा.फडणीस | ४५ |
११ | आधुनिक रामदास | आचार्य श.ना.बुचे | ५२ |
१२ | समर्थांचे कार्य | दीपक श्रीराम रूद्र | ५६ |
१३ | अथ रामायणम् | प्रा.म.रा.जोशी | ६३ |
१४ | श्रीसंत नामदेवराव महाराज-अभंग चिकित्सा – एक द्दष्टीकोन | आचार्य रामचंद्र गोविंद आर्वीकर | ६७ |
१७ | चरकोक्त गर्भिणी परिचर्या | वैद्य जयंत देवपूजारी | ७१ |
१८ | ज्ञानेश्वरकन्या – श्री संत गुलाबराव महाराजांची हिन्दी पदरचना | आचार्य सौ.अलका इंदापवार | ७४ |
१९ | वैदिक धर्म प्रेमी मैत्रिणी | कु.रेवा हरी कुळकर्णी | ७९ |
२० | प्रतिक्रिया | ८७ | |
२१ | वर्तमानपत्रीय दखल : १) तरूण भारत २) हितवाद | ९४ | |
२२ | पुस्तक परीचय : श्री ज्ञानेश्वरीतील विज्ञान दर्शन अर्थात वैज्ञानिक सिध्दांतांचे संदर्भ | श्रीराम रघुनाथ आळेकर | ९९ |
२३ | पत्रव्यवहार | १०१ | |
२४ | अरोग प्रसवा : सौ.श्रुतिकीर्ति विनय सप्रे | १०९ |