अनुक्रमणिका
१ | संपादकीय -१ ’’समन्वयी आचार्याचे निधन ’’ | २१२ | |
२ | संपादकीय -२ हितगुज | २१७ | |
३ | संस्कृत कार्याचे सन्मित्र | आचार्य के.रा.जोशी | २२० |
४ | वैदिक संस्कृतीचा निष्ठावान उपासक | आचार्य त्र्यं.गो.पंडे | २२७ |
५ | एका तपःपूत जीवनाची सांगता | वासुदेव गोविंद चोरघडे | २३० |
६ | नानासाहेब पिंपळापूरे | प्रा.म.रा.जोशी | २३४ |
७ | ती बाबांच्या काही आठवणी | सौ.विद्या बोकरे | २३६ |
८ | मला भेटलेले नानासाहेब | आचार्या सौ.अल्का सं.इंदापवार | २३९ |
९ | डॉ.पिंपळापूरे | सौ.उषा गडकरी | २४१ |
१० | चातुर्वर्ण्य आणि ब्राह्मण | प्रा.म.शं.वाबगावकर | २४२ |
११ | श्री वासुदेवानन्द सरस्वती विरचित मंत्रगर्भ विनायक स्त्रोत्र | २५० | |
१२ | बिहारचे ग्रहण सुटले | प्राचार्य गो.मा.कुळकर्णी | २५२ |
१३ | डॉ.फाटेस्वामी : व्यक्ती व वाडःमय | दादुमिया | २५६ |
१४ | भांडारकर महाभारत व मौखिक व लिखीत महाभारत | आचार्य के.रा.जोशी | २६४ |
१५ | धर्म : सामाजिक सामंजस्याचा मार्ग | आचार्य म.रा.जोशी | २६४ |
१६ | उपनिषदांचा अभ्यास १,२ | अॅड कृ.ह.देशपांडे | २७० |
१७ | आयुर्वेद काही अपेक्षा | सुहास बाक्रे | २८५ |
१८ | श्रध्दांजली | भा.म.वर्तक | २८७ |