अनुक्रमणिका
| १ | वैदिक राष्ट्रवाद | संपादकीय | २१६ |
| २ | भांडारकर महाभारत | प्रा.म.रा.जोशी | २२१ |
| ३ | वरदानंद भारती | दादुमियॉं | २२५ |
| ४ | दिव्यत्वाची जेथ प्रचीति | सच्चिदानंद सुरेश शेवडे | २३४ |
| ५ | शाश्वताची ओढ | वि.वा.ग.प्र.परांजपे | २४० |
| ६ | योगिया दुर्लभ तो म्यां देखिला साजणी | आचार्य विट्ठल माधव पागे | २४५ |
| ७ | गीता भाष्याची जडण-घडण | डॉ.गु.वा.पिंपळापूरे | २५५ |
| ८ | वाचे बरवे वाचकत्व -स्त्री गर्भाची हत्या | २६७ | |
| ९ | व्यासादिकांची उशिटे -१ | २७० | |
| १० | श्री सदगुरू चरणी | सौ.अबोली आनंद खानझोडे | २७४ |
| ११ | व्यासादिकांची उशिटे -२ | २७५ | |
| १२ | उपमन्युकृत अश्विनौस्तुति | २८० |




