अनुक्रमणिका
| १ | संपादकीय -१ एका कृतार्थजीवनाचे पूण्यस्मरण !! | १५० | |
| २ | संपादकीय-२ पुन्हा एकदा लॉर्ड मेकॉले | १५३ | |
| ३ | संपादकीय -३ राष्ट्रीय अगत्याचे आणखी एक महत्वाचे काम | १५८ | |
| ४ | आतंकवाद्यांचे मानसशास्त्र | दादुमियॉं | १६० |
| ५ | भांडारकर महाभारत : | डॉ.प्रा.म.रा.जोशी | १६६ |
| ६ | भांडारकर महाभारत चर्चा : | डॉ.प्रा.म.रा.जोशी | १७४ |
| ७ | मला झालेला संस्कृतचा उपयोग | कै.प्रा.म.वा इंदापवार | १७६ |
| ८ | संशयाचा बळी -भरत | श्री सुहास पटवर्धन | १८० |
| ९ | लौकीक जीवनाची अलौकीक सांगताःश्री स्वामी वरदानंद | सुधाकर देशपांडे | १८६ |
| १० | शोध सरस्वतीचा | १८८ | |
| ११ | वैदिक संस्कृति रक्षक : कै.श्री.गोविंदराव काळे | प्रा.अॅड भि.म.चिंधडे | १९१ |
| १२ | हिंदुची समाजरचना | श्री. वसंतकुमार चटोपाध्याय | १९४ |
| १३ | ग्रंथ परिचय | श्री.बा.गो.चोरघडे | १९९ |
| १४ | संवाद १ | २०१ | |
| १५ | संवाद २ | २०२ | |
| १६ | व्यासादिकांची उशिटे -१ | २०५ | |
| १७ | व्यासादिकांची उशिटे -२ | २०८ | |
| १८ | वाचे बरवे वाचकत्व -१ | २११ | |
| १७ | वाचे बरवे वाचकत्व -२ | २१३ |




