अनुक्रमणिका
१ | मुख्य अवतरण : | महामना पंडित मदनमोहन मालविय | २१७ |
२ | संपादकीय प्रज्ञालोकचा पंचवार्षिक त्रोटक लेखाजोखा | डॉ.गु.वा.पिंपळापूरे | २१८ |
३ | प्रज्ञाहनन | प्राचार्य राम शेवाळकर | २२९ |
४ | काश्मिरातील एकतर्फी युध्दबंदी | प्राचार्य गो.मा.कुळकर्णी | २२५ |
५ | लोकशाही,राज्यव्यवस्था नव्हे सुराज्य यंत्रणा | अॅड.वि.रा.गोखले | २२९ |
६ | परिसंवाद लॉर्ड मेकॉले प्रतिवृत्तःऐतिहासिक पार्ष्वभूमी,प्रतिवृत्तातील विधाने व हेतु (परिसंवाद) | डॉ.अ.वि.विश्वरूपे, वा.गो.चोरघडे, डॉ.विभा महाजनी अध्यक्षीय समारोप | २३६, २४२, २४६, २४७ |
७ | यादव नृपतींची बलस्थाने | श्रीपाद केशव चितळे | २५३ |
८ | ग्रंथगौरव : आमचे अप्पा आमचे स्वामी (स्मृतिगंध ) | सौ.ममता गद्रे | २५५ |
९ | समीक्षा : राजधर्म | ले.प्रा.सुधाकर देशपांडे | २६० |
१० | व्यासादिकांची उशिटे | – | २६५ |
११ | संवाद | – | २६९ |
१२ | पत्रव्यवहार | – | २७३ |
१३ | प्रज्ञालोक मधील लेखक व लेखसुची अंक क्र १५३ ते १७२ पाच वर्षे | कु.वंदना पंडे | २७४ |