अनुक्रमणिका
| १ | श्रीसमर्थकृत शिवराय प्रशस्ति ! | दासबोध | १ |
| २ | ’’तुम्ही कोण म्हणून काय पुसता ? | संपादकीय | २ |
| ३ | ’शिवराया ये रे ! ’ | वंचित | १५ |
| ४ | शंका – समाधान | तत्वदर्शी | २२ |
| ५ | उगवती क्षितिजं (विद्यार्थी – विद्यार्थिनींसाठी) | रविंद्र परेतकर | ३१ |
| ६ | पुण्यश्लोक शिवाजींची नवी कैद ! | बाळ पाईक | ३५ |
| ७ | मंत्राने अग्नि पेटविला | व्दा.वा.केळकर | ४० |
| ८ | अमृत – कलश (आरोग्येच्छुंसाठी) | डॉ. शरच्चंद्र भगत | ४३ |
| ९ | श्रीसमर्थांचा राज्याभिषेकावर बहिष्कार ! | हरिहर पुनर्वसु | ४७ |
| १० | शरदाचं चांदणं (महिलांसाठी) | संजीवनी | ५१ |
| ११ | व्यक्ती अभिव्यक्ती (कला रसिकांसाठी) | मोहन फाटे | ५६ |
| १२ | राम झरोका | आत्र्जनेय | ५९ |
| १३ | अप्रिय पण पथ्य | – | ६४ |




