अनुक्रमणिका
१ | पाच प्रकारच्या बळाची देशा | विदुरनीती | ७७ |
२ | संपादकीय : स्व.प.पू.श्री बाळासाहेब देवरस | (सं) | ७८ |
३ | भारतीय वैद्यक | डॉ.ब.स.येरकुंटवार | ८२ |
४ | राजकीय घडामोडी | डॉ.गो.मा.कुळकर्णी | ८६ |
५ | ज्ञानेश्वरीतील शिव स्मरण | श्री.वासुदेव चौरघडे | ९१ |
६ | जादु कृष्णचैतन्याची कविता | श्री.श्री.म.हळदे | ९७ |
६ | संस्कृतची जननी भारोपीय भाषा-भ्रम | प्रा.अ.वि.विश्वरूपे | ९८ |
७ | समर्थचरित्रे : संशोधनाची एक दिशा : | प्रा.भा.श्री.परांजपे | १०६ |
९ | एकात्म मानव दर्शनाची त्रिसूत्री: | आधार ईषावास्योपनिषदः श्री राम वैद्य | ११२ |
१० | वाचे बरवे वाचकत्व : | डॉ.गु.वा.पिंपळापूरे | १२० |
११ | संस्कृत विद्यापीठाच्या निमित्ताने | डॉ.गु.वा.पिंपळापूरे | १२६ |