अनुक्रमणिका
कर्तव्यग्रहण | कविवर्य रविंद्रनाथ टागोर | १ |
श्रध्दांजली ! (संस्कृत) | प्रा.गो.मा.पानसे | २ |
संपादकीय | डॉ.गु.वा.पिंपळापूरे | ३ |
वैदिक धारणेचा ध्येयवादी धुरंधर | विद्याधर गोखले | १० |
डॉ.येरकुंटवार यांचे लिखाण : एक उर्जा | डॉ.विजय बेडेकर | १३ |
’प्रज्ञालोक ’ चे संपादक डॉ बळीराम येरकुंटवार | डॉ.मो.दि.पराडकर | १६ |
अध्यात्म शक्तीची जागृती | रा.कृ.पाटील | १८ |
डॉ.बळीराम पंतांची ज्ञानलालसा | डॉ.के.रा.जोशी | १९ |
डॉ.बळीराम सदाशिव येरकुंटवार | डॉ. म. त्र्यं. सहस्त्रबुध्दे | २१ |
एक अलौकिक व्यक्तीमत्व | प्रा.द.का.तारे | २३ |
एक व्यासपीठ हरविलं | डॉ.गो.मा.कुळकर्णी | २४ |
आध्यात्मिक समाजशास्त्राचे नवे प्रवर्तक | ’’श्रीवत्स’’, प्रा.प्रं.गं.बोरावार | २७ |
परीस स्पर्श | डॉ.शरच्चंद्र भगत | ३४ |
श्रध्दासुमनांजली | मं.म.मुलमुले | ३६ |
वृत्तपत्रीय नोंदी | – | ४१ |
स्वकीयांच्या सहसंवेदना | – | ५६ |