अनुक्रमणिका
| १ | संपादकीय | ||
| २ | देवपूजा | श्री. अप्रबुद्ध | ३४६ |
| ३ | वस्तुनिष्ठ व व्यक्तिनिष्ठ विचार | प्रा. नारायणशास्त्री द्रविड | ३५३ |
| ४ | आधुनिक राजकारण व भारतीय धारणा | ब. स. येरकुंटवार | ३५८ |
| ५ | अप्रिय पण पथ्य | ३६४ | |
| ६ | शंका समाधान | तत्त्वदर्शी | ३६९ |
| ७ | भारतीय समाजव्यवस्था – एक आदर्श | प्रा. प्र . ना. अवसरीकर | ३७४ |
| ८ | श्रीविवेकानंदांची शताब्दी | श्री. अप्रबुद्ध | ३८० |
| ९ | चीनचे आक्रमण | एक राष्ट्रहितैषी | ३८६ |
| १० | पुस्तक परीक्षण | ३८९ | |
| ११ | गोष्ट हवी तर ऐका ! | बाळ पाईक | ३९१ |
| १२ | कांही उदबोधक आठवणी | माधुकर | ३९७ |
| १३ | याने काय होणार! | हरिहर पुनर्वसु | ४०० |
| १४ | राम झरोका | आंजनेय | ४०६ |




